अनन्त यह गगन
है अपार यह
जमीन है
साथ हो जो
तेरा फिर कुछ
नहीं कमी है
जीवन की यह
डगर है पथरीली
और कंटीली
तेरा ही संग
है ये जो
जिंदगी हसीन है
दुश्वारियाँ
बहुत हैं जिंदगी
के इस सफर
में
लम्हे वो खूबसूरत
मिलते ही यहाँ
कम हैं
गर कोई हो
अकेला इस लंबे
फासले में
खुशियों को भूल
जाओ यहाँ फैले
हुये गम हैं
चुनती है सारी
दुनिया बस साफ
सुथरे रस्ते
पथ हम वही
पकड़ते हैं इंसान
जहां फंसते
कुछ हम अजीब
हैं कुछ है
अजीब आदत
हमको वही पसंद
है जिससे लोग
सब हैं बचते
हर राह वो
पकडना जो सीधी
नहीं जाती
है बेबकूफी अपनी पर
हम इसी के
आदी
सीधा ना कुछ
पसंद है पर
सीधे बहुत हम
हैं
ऊंची ही बात
सोचें पर करते
बत सादी
विश्वास है ये
अपना तू संग
ही रहेगा
फंस जाऊं जो
कहीं पे आवाज
दे कहेगा
ना मानना कभी बस
अपने को अकेला
जो भी मिलेंगे
सुख दुख वो
साथ में सहेगा
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