कुछ रिश्ते बन के आते हैं ,कुछ रिश्ते हम बनाते हैं
सुख दुख के जो हो साथी वही दोस्त कहलाते हैं
दुनिया कष्टों का सागर हम ताकते राह किनारों की
बीच भंवर जब फँस जाते हम तब आतीयाद सहारे की...
चाहे खुद फँस जाएँमगर वो हमे बचा ले जाते हैं
आदत हो जिनकी कुछ ऐसी वही दोस्त कहलाते हैं
हँसना गाना धूम मचाना ,करना खूब शरारत
भी रूठें अगर तो पड़ी देखने इनकी हमे नज़ाकत भी
जिस महफ़िल मे शामिल हों ये रंग वाहा ले आते हैं
ऐसी खूबियाँ होती जिनमे दोस्त वही कहलाते हैं
रिश्ता इनसे ऐसा होता लोगसमझ नही पाते हैं
नज़रों से हों दूर भले पर दिल से दूर ना जाते हैं
चाहे जितना दूर रहे जब मिलना हो मिल जाते हैं
जिन पर बंदिश लागू ना कोई वही दोस्त कहलाते हैं
कितने प्यारे दोस्त हैनमेरे हर कोई अचरज करता है
उसकोभी ऐसे दोस्त मिले यही दुआ वो करता है
मुझ से ज़्यादामेरी चिंता खुद से ये करवाते हैं
इतना प्यारा साथ हो जिनका वही दोस्त कहलाते हैं
सुख दुख के जो हो साथी वही दोस्त कहलाते हैं
दुनिया कष्टों का सागर हम ताकते राह किनारों की
बीच भंवर जब फँस जाते हम तब आतीयाद सहारे की...
चाहे खुद फँस जाएँमगर वो हमे बचा ले जाते हैं
आदत हो जिनकी कुछ ऐसी वही दोस्त कहलाते हैं
हँसना गाना धूम मचाना ,करना खूब शरारत
भी रूठें अगर तो पड़ी देखने इनकी हमे नज़ाकत भी
जिस महफ़िल मे शामिल हों ये रंग वाहा ले आते हैं
ऐसी खूबियाँ होती जिनमे दोस्त वही कहलाते हैं
रिश्ता इनसे ऐसा होता लोगसमझ नही पाते हैं
नज़रों से हों दूर भले पर दिल से दूर ना जाते हैं
चाहे जितना दूर रहे जब मिलना हो मिल जाते हैं
जिन पर बंदिश लागू ना कोई वही दोस्त कहलाते हैं
कितने प्यारे दोस्त हैनमेरे हर कोई अचरज करता है
उसकोभी ऐसे दोस्त मिले यही दुआ वो करता है
मुझ से ज़्यादामेरी चिंता खुद से ये करवाते हैं
इतना प्यारा साथ हो जिनका वही दोस्त कहलाते हैं
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