Sunday, July 25, 2010

भगवा आतंकवाद?

काफी समय से इस पर हल्ला मचा हुआ है ,लेकिन वो शब्द जो भगवान से जुड़ा है क्या वो आतंकवाद से जुड़ सकता है ,भगवा तो प्रतीक है त्याग और बलिदान का फिर क्यो उसे आतंकवाद के साथ जोड़ा जा रहा है कुछ घटनाओ को आधार बनाकर हिन्दु संगठनो को बदनाम किया जा रहा है लेकिन क्या कभी किसी ने सोचा कि हिन्दु ऐसा करने पर मजबूर क्यो हो रहा है देश की आज़ादी के साथ ही मुस्लिमो के लिए अलग देश के नाम पर पाकिस्तान बन गया लेकिन हिंदुव ने कभी अपने लिए अलग देश नही माँगा अल्पसंख्यको को दी जाने वाली रियायतो पर उसने कभी अंगुली नही उठाई ,
धीरे धीरे करके सारे उत्तर पूर्व से हिन्दु शब्द ही गायब हो गया पर वो चुप रहा , पंजाब मे उसे चलती बसो से उतारकर गोलियो से भूना गया पर उसने कही बदले मे ऐसा नही किया ,वोट क लालच मे असम,बंगाल,बिहार बंग्लादेशियो से भर दिए गये और अपने ही घर मे हिन्दु
अल्पसंख्यक बन गया पर वो चुप रहा ,उसने एक रात मे हजारो कश्मीरी पण्डित अपने घरो से खदेड़ कर तंबुओ मे रहने को मजबूर होते हुए देखे पर वो चुप रहा, अपने भगवान राम के मंदिर के लिए जगह माँगने पर उसने गोलियो से मरते हुए रामभक्तो को देखा पर वो चुप रहा ,लेकिन अब उसका वो दबा हुआ गुसा बाहर निकलने लगा था बाबरी विध्वंस क्यो हुआ ये मई नही जानता पर कही ना कही इसमे वो गुस्सा भी छिपा हुआ था लेकिन पहली बार उसने कुछ किया तो उसे चारो तरफ़ से गालिया मिलनी शुरू हो गयी ,पाकिस्तान और बंगलादेश मे सैकड़ो मंदिर तोड़ दिए गये ,देश मे आतंकवादी हमलो की बाढ़ सी आ गयी और इन सबका जिम्मेदार उसे माना गया ,अयोध्या से आती एक ट्रेन गोधरा मे जला दी गयी ,और उसकी वजह से जो दंगे हुए उसका जिम्मेदार भी हिन्दु रहा,लोग उसे सब कुछ कह्ते रहे लेकिन कोई उसके दिल मे छिपे दर्द को नही समझ पाया की कैसे अपने ही देश मे वो दोयम दर्जे का नागरिक हो गया है,कैसे देश क संसाधनो पर पहला हक अब उसका नही है उसकी हालत वो हो गयी है की सहा भी ना जाए और कुछ कहा भी ना जाए ,ऐसे मे अगर कुछ लोग ग़लत कदम उठाते है तो मेरा उनसे निवेदन है की उनके इन कदमो से हिन्दु समाज ही बदनाम होगा

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