Friday, January 3, 2014

तेरा साथ

अनन्त यह गगन है अपार यह जमीन है 
साथ हो जो तेरा फिर कुछ नहीं कमी है 
जीवन की यह डगर है पथरीली और कंटीली 
तेरा ही संग है ये जो जिंदगी हसीन है 

दुश्वारियाँ बहुत हैं जिंदगी के इस सफर में 
लम्हे वो खूबसूरत मिलते ही यहाँ कम हैं 
गर कोई हो अकेला इस लंबे फासले में 
खुशियों को भूल जाओ यहाँ फैले हुये गम हैं 

चुनती है सारी दुनिया बस साफ सुथरे रस्ते 
पथ हम वही पकड़ते हैं इंसान जहां फंसते 
कुछ हम अजीब हैं कुछ है अजीब आदत 
हमको वही पसंद है जिससे लोग सब हैं बचते 

हर राह वो पकडना जो सीधी नहीं जाती 
है बेबकूफी अपनी पर हम इसी के आदी 
सीधा ना कुछ पसंद है पर सीधे बहुत हम हैं 
ऊंची ही बात सोचें पर करते बत सादी 


विश्वास है ये अपना तू संग ही रहेगा 
फंस जाऊं जो कहीं पे आवाज दे कहेगा 
ना मानना कभी बस अपने को अकेला 
जो भी मिलेंगे सुख दुख वो साथ में सहेगा 



वक़्त

बचपन का वो जमाना,था बड़ा सुहाना
छोटी सी बात पर वो बड़ा सा रूठ जाना
वो जिद पकड़ के रहना और गुस्सा भी दिखाना

वो सारी बातें करना पर कुछ भी ना बताना
क्या दौर था निराला क्या लोग थे वो प्यारे
हर पल ही साथ रहते जब संगी साथी सारे
वो साथ लिखना पढ़ना वो साथ घूम आना
एक छोटी सी वो दुनिया थी पास में हमारे

फिर कुछ हुये बड़े हम कुछ जिम्मेदारी आयी
वो बंद हुई शरारत कुछ फासले वो लायी
वो बोलना हुआ कम ,चुप रहने लगे ज्यादा
लोगों ने समझा अब कुछ समझदारी आयी

फिर वक़्त और बदला तकनीक नयी आयी
दूरियाँ घटीं कुछ दुश्वारियाँ बढ़ाईं
दुनिया ये हो गयी है अब व्यस्त कुछ जी ज्यादा
ना वक़्त है किसी पर ना है कोई इरादा

वो जो हैं ये समझते,वो कीमती बहुत हैं
कीमत है उनकी तब तक जब जौहरी यहाँ हम हैं
जो हम बदल गये तो कहती फिरेगी दुनिया
तुम्ही बचे थे एक बस बदलाव जहां कम हैं

सब लोग हैं ये कहते बदलाव जिंदगी है
पर अपना फलसफ़ा है विश्वास जिंदगी है
बस एक यही है कारण जो हम नहीं बदलते
तुम चाहे चले जाओ इन्तेजार हम हैं करते