एक दिन एक ब्लॉग पढ़ रहा था उसमे अरेंज मॅरिज को अरेंज करने की कुछ परेशानियो के बारे मे पढ़ रहा था लेखिका ने अपने लेख मे एक लड़की के पिता को अपनी बेटी के लिए योग्य वर खोजतेसमय की कुछ बातो का बड़ी अच्छी तरह से ज़िक्र किया ,लेकिन कुछ बाते ऐसी हैं जहा हम पूर्वाग्रहो से ग्रस्त होते हैं जहा लड़किया ये मानकर चलती हैं की उनका होने वाला जीवन साथी का पिछला जीवन सॉफ सुथरा हो ,वो अच्छा पढ़ा लिखा हो अच्छा कमाता हो ,देखने मे अच्छा हो ,वही लड़के भी चाहते हैं की आज के माहॉल के हिसाब से लड़की इतनी सुंदर हो की लोग बस देखते रह जाएँ ,पिछला रेकॉर्ड उसका बिल्कुल सॉफ हो अच्छी पढ़ी लिखी हो अगर नौकरी भी हो तो और अच्छा वरना लड़की के पिताजी तो देंगेही अपनी बेटी के लिए,इस तरह की सोच दोनो तरफ है हम आजकल अरेंज मेरिज कहते ज़रूर हैं पर हम ये सब जानते हैं की अब अरेंज मेरिज
कितनी प्रॅक्टिकल हो गयी है,लड़का और लड़की दोनो एक दूरे को अपनी उस योग्यता सूची से मिलातेहैं जो उन्होने अपने जीवन साथी के लिए बना रखी है
बस फ़र्क ये होता है की लवमैरिज की तरह लड़के लड़की एक दूसरे को उतना नही जानते, मॅआज भी ये सुनता हूँ
की कही किसी लड़की के लिए अच्छा लड़का नही मिल पा रहा तो कही किसी
लड़के के लिए अच्छी लड़की नही मिल पा रही ,हमने रिश्तो की परिभाषए बदल दी हैं,आज हम पति या पत्नी नही खोजते हम चाहते हैं हमे कोई ऐसा मिले जो हमारी उन इच्छाओ को पूरा करने मे हमारी मदद करे जो हम अकेले नही कर सकते,
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